Sunday, July 11, 2010

जिंदगीनामा

ज़िन्दगी .............ये लफ्ज़ कई दफा हमे बहुत दे जाता ह और बाज़ दफा कुछ चीज़े छीन भी लेता है ।
जब तक हम किसी बदलाव को समझ पाते है उसकी खूबसूरती ख़त्म हो चुकी होती है
.....ज़िन्दगी जीने के हर किसी का अपना नजरिया होता है ............ये नजरिया बदलता भी है ..........वक़्त की साथ

इस सफ़र में हम कितना कुछ चाहते है ................मिलता भी बहुत कुछ है .........पर अपने तरीके से और अपने हिसाब से

जिसने इस का लुत्फ़ उठाना शीख लिया सही माएनो में तो ज़िन्दगी उसी ने जी है

2 comments:

के सी said...

प्रेरणादायी पंक्तियाँ है
आपका मौन भी टूटा ये भी अच्छा रहा.

अभिन्न said...

वाह क्या बात कही है..जिसने इस का लुत्फ़ उठाना शीख लिया सही माएनो में तो ज़िन्दगी उसी ने जी है...जिन्दगी एक पहेली है उन के लिए जो इसे समझना नहीं चाहते....परन्तु जिन्दगी एक खुली किताब है उनके लिए जो इस में एक भंवरे की तरह,एक उन्मुक्त पंछी ki तरह विचरण करते है ओर जिंदगी चाहे दुखों से भरी हो चाहे खुशियों से ---इसे जीना ही वीरता है ....बहुत थोड़े लेकिन प्रभावशाली शब्दों में आपने कितनी सुन्दर कविता कह डाली शायद आपको भी पता नहीं