Friday, July 16, 2010

शाम











ढलता हुआ सूरज हमेशा आकर्षित करता है ..............न जाने क्या जुम्बिश है की बस इसके सभी रंगों को आँखों में समेत लेने का मन करता है । कुछ ऐसे ही द्रश्य कुछ दिन पहले देखने को मिले












Sunday, July 11, 2010

जिंदगीनामा

ज़िन्दगी .............ये लफ्ज़ कई दफा हमे बहुत दे जाता ह और बाज़ दफा कुछ चीज़े छीन भी लेता है ।
जब तक हम किसी बदलाव को समझ पाते है उसकी खूबसूरती ख़त्म हो चुकी होती है
.....ज़िन्दगी जीने के हर किसी का अपना नजरिया होता है ............ये नजरिया बदलता भी है ..........वक़्त की साथ

इस सफ़र में हम कितना कुछ चाहते है ................मिलता भी बहुत कुछ है .........पर अपने तरीके से और अपने हिसाब से

जिसने इस का लुत्फ़ उठाना शीख लिया सही माएनो में तो ज़िन्दगी उसी ने जी है