Wednesday, September 3, 2008

भारत का बिहार

यह कोई पहली बार तो हुआ नही की बिहार की कोसी नदी में बाढ़ आई हो , पैर पहली बार नदी ने अपना मार्ग छोड़ा है और वो भी करीबन १३ १४ किलोमीटर जिसकी वजह से लाखो लोग बेघर हो गए लोग भोजन और दवाइयों को तरस रहे है । सरकार मदद को आगे आती है पर जब हालातबकाबू हो जाते है , दबंग लोगो ने लूट मचा रक्खी है , रहने की कोई ख़ास इन्तेज़मत नही है ................यहाँ वैसे भी इन्सान को इश्वर के सहारे जीने में जयादा भरोसा है ............कोशिश सभी कर रहे है और लोगो की हिम्मत और जिन्दादिली भी देखने को मिली ....
फिर भी जो हुआ वो काफी हद तक टला जा सकता था अरग हम जागते तो .....

बिहार तेरे हाल बेहाल है
वासियों का बुरा हल है ,

वहां तरस रहे है मुह निवालों को
यहाँ पकवान से भी इंकार है,

कोसी, जिसे मैया मान पूजते है
उसने धारा रूप क्यों विकराल है

पल पल चेतावनी देती रही वो
हम मुह फेर सोते रहे , वाह! क्या कमाल है ,

अब जब पानी सर से uper है
tab neta विमान may सवार है ,

bebas bacche ,budhe marne ko तैयार hai
chahun ore paani aur beemari ka maayajaal hai,

paksh vipaksh ke neta dila rahe bharosa,
aree bahi, aankdon ka khel aur satta ka sawaal hai .

2 comments:

DUSHYANT said...

wow..keeep on writing..aapke blog par ana achchha lagaa..

डॉ .अनुराग said...

कुछ हालात ऐसे है जहाँ ये सोचने पर मजबूर हो जाते है की प्रकति से इंसान की छेड़छाड़ एक दिन विनाश लीला लायेगी