आप सभी को
" विजयादशमी पर्व " की
हार्दिक शुभकामनायें
Monday, September 28, 2009
Saturday, September 26, 2009
बात तो करता ................
क्या होता जो मुझसे न कहता ,
इतने बरसों बाद मुझे याद न करता ,
कई मौसम आके चले गए ,
फिर से वही मौसम दस्तक न देता ,
कह गया वो जो कहना था उसे ,
अज भी न देखा जो सैलाब था उमड़ता ,
खिचे चले गये जज़्बात किसी ज्वार की तरह ,
शायद आज भी वो हमें काबिल नही समझता ,
खता क्या थी आज भी नहीं मालुम ,
बस आजकल वो कोई रिश्ता नहीं रखता,
अब नहीं रही उससे कोई शिकायत ,
रिश्ता ना सही पर बात तो करता,
इतने बरसों बाद मुझे याद न करता ,
कई मौसम आके चले गए ,
फिर से वही मौसम दस्तक न देता ,
कह गया वो जो कहना था उसे ,
अज भी न देखा जो सैलाब था उमड़ता ,
खिचे चले गये जज़्बात किसी ज्वार की तरह ,
शायद आज भी वो हमें काबिल नही समझता ,
खता क्या थी आज भी नहीं मालुम ,
बस आजकल वो कोई रिश्ता नहीं रखता,
अब नहीं रही उससे कोई शिकायत ,
रिश्ता ना सही पर बात तो करता,
Thursday, September 10, 2009
मेरे मरने पे मत रोना ........................
ज़िन्दगी इस मोड़ पे देके दगा यूँ चली जायेगी
सोचा न था बेकार में मेरी वफ़ा चली जायेगी
नाराज़ हो गवाए वो हमराज़ न हो पाए
हम राज़ लिए जिनके दुनिया से जा रहे है
भरोसा न टुटा जबकि दम टूटने को है
नजारे में मौत लेकिन नज़रें बिछा रहे है
एक आरजू एक चाहत एक तम्मना है आखिरी
मेरे मरने पे मत रोना हम मुस्कुराये जा रहे है
मंजिल तू है मेरी मंजिल तू ही रहेगी
रस्ते तो लाख गुज़रे और लाखो आ रहे है
मरने की बाद मुझको करार कहाँ मिलेगा
करार मेरे तुम हो हम तुमसे दूर जा रहे है ।
सोचा न था बेकार में मेरी वफ़ा चली जायेगी
नाराज़ हो गवाए वो हमराज़ न हो पाए
हम राज़ लिए जिनके दुनिया से जा रहे है
भरोसा न टुटा जबकि दम टूटने को है
नजारे में मौत लेकिन नज़रें बिछा रहे है
एक आरजू एक चाहत एक तम्मना है आखिरी
मेरे मरने पे मत रोना हम मुस्कुराये जा रहे है
मंजिल तू है मेरी मंजिल तू ही रहेगी
रस्ते तो लाख गुज़रे और लाखो आ रहे है
मरने की बाद मुझको करार कहाँ मिलेगा
करार मेरे तुम हो हम तुमसे दूर जा रहे है ।
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