..................शाम , ढलता हुआ सूरज हमेशा ही हमे आकर्षित करता रहा है
नामालूम क्या क्या है इसमे की मै इसकी सुन्दरता को देखने का लालच नही छोड़ पाती
हू। ..........शायद शाम का सूरज
"नए दिन का संकेत देता है "
" छुपा के सपनो को आँखों में सो जाने को कहता है
कल फिर सपने लाऊंगा ,रंग अनोखे दे जाऊंगा
फीके जो पड़ गए रंग तेरी आँखों में
उन्हें फिर नया नूर , नई रोशनी दे जाऊंगा "
नामालूम क्या क्या है इसमे की मै इसकी सुन्दरता को देखने का लालच नही छोड़ पाती
हू। ..........शायद शाम का सूरज
"नए दिन का संकेत देता है "
" छुपा के सपनो को आँखों में सो जाने को कहता है
कल फिर सपने लाऊंगा ,रंग अनोखे दे जाऊंगा
फीके जो पड़ गए रंग तेरी आँखों में
उन्हें फिर नया नूर , नई रोशनी दे जाऊंगा "